Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -02-Jul-2022तनहाई

तनहाई

समय नही आज किसी के पास
वक्त बिताएं जो अपनों के साथ ।
काम सब को है बहुत  ज्यादा
बंट रहा परिवार आधा-आधा।

फ्लैट सिस्टम जब से आया
पड़ोस सिस्टम गायब है पाया।
ना पूछे कोई एक दूजे की बात
ना पहचाने रहता  कोई साथ।

भाई भाई में प्यार कहांँ
छोटा हुआ परिवार यहांँ।
एक बहन है या एक  भाई
फिर भी  तकरार  है छाई।

जीवन शैली सबकी व्यस्त
करे ना कोई मुझको तंग।
बातें कोई करे ना किसी से
मोबाइल में उलझे हरदम।

तन्हा लम्हा कैसे काटे
मोबाइल से कितना समय है बांटे।
चाहिए एक दूजे का साथ
थोड़ा सा हास परिहास।

अकेलापन काटे नहीं कटता
कहीं बीमारियां संग है लाता।
पागल सा वह व्यक्ति लगता
जीवन बोझ उसे है लगता।

जीवन है अनमोल बड़ा
खुशी खुशी तुम इसको जी लो।
थोड़ा वक्त इक दूजे को दो
गम अपनी थोड़े भुला लो।

माना परेशानी जीवन में
तन्हाई तो डसती है।
एक दूजे से बोलो
परेशानी कम लगती है।।
           रचनाकार ✍️
           मधु अरोरा
            2.7.२०२२

, प्रतियोगिता हेतु
             

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12 Comments

Shrishti pandey

04-Jul-2022 08:50 PM

Nice

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Punam verma

04-Jul-2022 12:14 AM

Very nice

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Abhinav ji

03-Jul-2022 09:08 AM

Very nice👍

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